This is a form of GARI known as JEVNAR. In it asks the question, "Where did the GARI originate?" The answer is that "The GARI was born neither in the garden nor on the cast of KHAIR. This GARI was born in Janakpur where Ram Ji's in-laws are." Rama dines and Lakshman shrinks his hand and says, "This GARI is being inflicted on my mother. I am also being abused. My brother is also being abused. Not only that, but my sister is also abused is going.
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Bhojpuri Lok Geet |
Here are the lyrics of the "Kiya Gari Upajela Baag Bageecha" Bhojpuri folk Song.
- जेवनार गारी -
किया गारी उपजेला बाग बगईचा,
कि हाँ जी, किया खयरवा के डाॅटी।
कि हाँ जी, किया खयरवा के डाॅटी।
नाही गारी उपजेला बाग बगइचा,
कि हाँ जी, किया खयरवा के डाॅटी।
कि हाँ जी, किया खयरवा के डाॅटी।
ई गारी उपजेला नग्रा जनकपुर,
कि हाँ जी, राम जी के ससुरारी।
कि हाँ जी, राम जी के ससुरारी।
राम जेवेले लक्षुमन हाथ सिकोरेले,
कि हाँ जी, परेला माता जी पो गारी।
कि हाँ जी, परेला माता जी पो गारी।
हमरा के गारी, हमरा माई के गारी,
कि हाँ जी, बहिनी सहोदरी के गारी।
कि हाँ जी, बहिनी सहोदरी के गारी।
शब्दार्थ :
1. खयरवा = एक प्रकार का काटाँ से युक्त पेड़
2. सिकोरेले = पीछे की ओर हटाना
भावार्थ :
यह जेवनार गारी है। इसमें प्रश्न पूछा जाता है, "गारी कहां पैदा हुई ?" जवाब मिलता है कि "गारी न बाग में पैदा हुई न बगीचा में पैदा हुई न खैर की डाली पर। यह गारी जनकपुर में पैदा हुई जहां राम जी की ससुराल है।" राम भोजन करते हैं और लक्ष्मण हाथ सिकुड़ते हैं और कहते हैं, "यह गारी मेरी माता पर पड़ रही है। मुझे भी गारी दी जा रही है। मेरे भाई को भी गारी दी जा रही है। इतना ही नहीं मेरे बहन को भी गारी दी जा रही है।
[Traditional Tune of this Song]
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